Edited By ,Updated: 23 Oct, 2016 04:17 PM
बिहार में अब स्टूडेंटस को इंटरमीडिएट की डिग्री मिलेगी। बिहार विद्यालय परीक्षा समिति ने इंटरमीडिएट की परीक्षा में आर्ट्स ,साइंस व कॉर्मस की
नई दिल्ली : बिहार में अब स्टूडेंटस को इंटरमीडिएट की डिग्री मिलेगी। बिहार विद्यालय परीक्षा समिति ने इंटरमीडिएट की परीक्षा में आर्ट्स , साइंस व कॉर्मस की बाध्यता की व्यवस्था को खत्म कर दिया हैं। नई व्यवस्था 2018 से लागू होगी।
शनिवार को बिहार बोर्ड की गवर्निंग बॉडी की बैठक में यह फैसला लिया गया। अब छात्र 19 विषयों में से किसी भी तीन विषयों को इंटर में चुन सकेंगे। यानि छात्रओं को मनचाहा विषय लेने की छूट रहेंगी। बिहार बोर्ड के अध्यक्ष आनंद किशोर ने बताया कि वैकल्पिक विषय समूह में से किसी भी तीन विषय को चयन कर परीक्षा में शामिल करने की अनुमति दी गई है। इस निर्माण को शिक्षा विभाग से अनुमोद के लिए भेजा गया है। वहां से स्वीकृति मिलने के बाद इसे लागू किया जाएगा। बोर्ड अध्यक्ष ने कहा कि साल 2008 में आयोजित होने वाली
फैसले के बाद कॉलेजों की सीटें भी होंगी मर्ज
इस फैसले के बाद कॉलेजों की अलग अलग स्ट्रीम के लिए दी गई सीटें भी मर्ज हो जाएंगी। यानि अगर किसी कॉलेज में आर्ट्स की 100 साइंस की 100 और कॉमर्स की 50 सीटें हैं तो अब इस कॉलेज में कुल सीटों की संख्या 250 कर दी जाएगी, इतने छात्रों का नामांकन लिया जाएगा। स्ट्रीम की व्यवस्था नहीं रहेगी। यह छात्रों पर निर्भर है कि उन्हें क्या करना है।
छात्रों की सुविधा के लिए यह व्यवस्था
बिहार विद्यालय परीक्षा समिति अध्यक्ष आनंद किशोर का कहना है कि छात्रों की सुविधा के लिए यब व्यवस्था की जा रही है। सीबीएसई , आईसीएसई में पहले से ही यह व्यवस्था है। फैसले को राज्य सरकार की सहमित के लिए भेजा जाएगा। सहमति मिलने के बाद 2018 में इसे लागू कर दिया जाएगा।